
डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार, डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय आज उस पल का साक्षी बना, जब नवोदय विद्यालयों के हजारों पूर्व छात्र देश-विदेश से लौटकर नवोत्सव 2025 में शामिल हुए। आयोजन में भावनाओं की बाढ़, प्रेरणा की लहर और यादों का महासागर था।
7000 से ज्यादा पूर्व छात्र, मंच पर सजे नवोदयन सितारे
लखनऊ में हुए इस आयोजन में देश और विदेश से आए IAS, IPS, IFS, डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर और उद्योगपति शामिल हुए।
मंच पर मौजूद कुछ प्रमुख नाम:
जस्टिस विनोद दिवाकर (हाई कोर्ट)
आईएएस सूर्यपाल गंगवार (मुख्यमंत्री सचिव)
डॉ. अंशुल मिश्रा (एम्स)
संयुक्त आयुक्त पुलिस बबलू कुमार
आईएफएस दिलराज प्रभाकर
डीएम रविन्द्र कुमार (आज़मगढ़)
मुख्य अतिथि रहे नवोदय विद्यालय समिति के कमिश्नर श्री राजेश लखानी।
“नवोदय में बसती है भारत की आत्मा” – भावुक हुए वक्ता
जस्टिस दिवाकर: “यहां पढ़ाई नहीं, जीवन मिला। नवोदय की आत्मा हमारे भीतर आज भी जीवित है।”
आईएएस गंगवार: “नवोदय से मिले मूल्य और शिक्षक आज भी हमारी नींव हैं।”
बबलू कुमार: “नवोदय एक ब्रांड है, इसे सोशल मीडिया से और मज़बूत करना होगा।”

डॉ. अंशुल: “एलुमिनाई मिलन से आगे बढ़कर छात्रवृत्ति, गाइडेंस जैसी पहल होनी चाहिए।”
IFS दिलराज: “नवोदय की घास भी कुछ खास होती है।”
लखनऊ मंडल की शानदार मेज़बानी
इस साल लखनऊ मंडल (उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, हरदोई, लखीमपुर) को आयोजन की जिम्मेदारी मिली थी। पूर्व छात्रों की टीम ने प्रबंधन से लेकर सांस्कृतिक गतिविधियों तक आयोजन को सफलतापूर्वक संभाला।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: कला, संगीत और जोश का संगम
झुलनी का रंग सांचा लोकनृत्य ने मंच पर जीवन उकेर दिया।
डॉ. सुमन प्रजापति और सौरभ कमल की प्रस्तुतियों ने सबको मंत्रमुग्ध किया।
वर्तमान छात्रों के ग्रुप डांस ने नवोदयन ऊर्जा की झलक पेश की।
शिक्षकों का सम्मान: गुरुओं को मिला वह मान जो वे वर्षों से देते आए
सेवानिवृत्त शिक्षकों और प्राचार्यों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। उनका आशीर्वाद ही नवोदय की सबसे बड़ी पूंजी माना गया।
यादों की झोली: फोटो, सेल्फ़ी, हँसी और आँखों की नमी
हॉल में हर कोने में कोई पुराने दोस्त से मिल रहा था, कहीं हँसी के फव्वारे, तो कहीं आंखों में नम पुराने लम्हों की चमक। नवोत्सव 2025 सिर्फ एक इवेंट नहीं, एक इमोशन था।
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